रविवार, 7 मई 2017

अब तो एक ही रास्ता है बचा...

थक गया हू मैं अब,,, पर अभी चलना बहुत है।
टूट गया हू मैं अब,,, पर अभी मंजिल दूर है।
विश्वास नही होता अब रिश्तो पर भी..
दोस्त भी अब दोस्त नही रहा...
अब तो अकेला ही चलना है...
पर किधर चलू हर तरफ अन्धेरा है फरेब है,
अब सिर्फ एक ही रास्ता है बचा......

जिस राह पर चला वही आगे बंद मिली।
जिस और देखा वही अपना ना मिला।
लोग आए और चले गए जिंदगी से मेरी।
लेकिन कोई अपना ना बना।
अब सिर्फ एक ही रास्ता है बचा.....

चकमती थी जो आंखे प्यार से वो अब बंद है।
धडकता था जो दिल प्यार में वो अब बंद है।
किसे कहूं अपना यहां तो हर कोई अकेला है।
अब सिर्फ एक ही रास्ता है बचा......